Deva Movie: देवा फिल्म की स्टोरी, किरदार और धमाकेदार डायलॉग

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Deva Movie
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हाय दोस्तों! आज हम बात करेंगे एक ऐसी फिल्म की, जो 2025 की शुरुआत में सिनेमाघरों में धूम मचा चुकी है—‘Deva Movie’। अगर आपने अभी तक ये फिल्म नहीं देखी, तो मेरे साथ इस कहानी में डूब जाइए। मैं आपको इस फिल्म की हर छोटी-बड़ी बात बताऊँगी—इसकी कहानी, किरदार, मेकिंग, विवाद, और वो सब कुछ जो इसे खास बनाता है। तो, एक कप चाय लीजिए, आराम से बैठिए, और चलिए शुरू करते हैं!

Table of Contents

‘Deva Movie’ क्या है?

‘देवा’ एक हिंदी भाषा की एक्शन थ्रिलर फिल्म है, जो 31 जनवरी 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई। इस फिल्म में शाहिद कपूर मुख्य भूमिका में हैं, और उनके साथ पूजा हेगड़े, पावेल गुलाटी, कुब्रा सैत जैसे शानदार कलाकार हैं। फिल्म को मलयालम सिनेमा के मशहूर डायरेक्टर रौशन एंड्रयूज़ ने डायरेक्ट किया है, और इसे ज़ी स्टूडियोज़ और रॉय कपूर फिल्म्स ने प्रोड्यूस किया। लेकिन जो बात इसे और दिलचस्प बनाती है, वो ये कि ‘देवा’ 2013 की मलयालम फिल्म ‘मुंबई पुलिस’ का रीमेक है, जिसे रौशन एंड्रयूज़ ने ही बनाया था।

तो, क्या ‘देवा’ सिर्फ़ एक रीमेक है, या इसमें कुछ नया है? आइए, इसकी कहानी, मेकिंग, और दर्शकों की प्रतिक्रिया को गहराई से समझते हैं।


Deva Movie की कहानी: एक पुलिसवाले की उलझन भरी दुनिया

‘Deva Movie’ की कहानी मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर देव अंब्रे (शाहिद कपूर) के इर्द-गिर्द घूमती है। देव एक ऐसा पुलिसवाला है, जो ना सिर्फ़ होशियार और बहादुर है, बल्कि गुस्सैल और बागी भी है। उसका अंदाज़ नियम तोड़ने वाला है, लेकिन दिल में वो अपने कर्तव्य के लिए समर्पित है। कहानी तब शुरू होती है, जब देव एक हादसे का शिकार हो जाता है, जिसमें उसे आंशिक स्मृति लोप (partial memory loss) हो जाता है।

इस हादसे से पहले, देव अपने साले और डीसीपी फरहान खान (प्रवेश राणा) को फोन पर बताता है कि उसने अपने दोस्त और सहकर्मी एसीपी रोहन डिसिल्वा (पावेल गुलाटी) के मर्डर केस को सुलझा लिया है। रोहन की हत्या एक गैलेंट्री अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान हुई थी। लेकिन हादसे की वजह से देव हत्यारे का नाम भूल जाता है।

फरहान, जो देव का बहनोई है, उसे उसके अतीत के बारे में बताता है—उसके गुस्सैल स्वभाव, उसके पिता की ड्यूटी के दौरान मौत, और रोहन के साथ उसकी गहरी दोस्ती के बारे में। जैसे-जैसे देव अपनी पुरानी जाँच को फिर से शुरू करता है, उसे अजीब-अजीब सी असंगतियाँ दिखती हैं। वो साक्ष्यों को दोबारा देखता है, गवाहों से बात करता है, और क्राइम सीन को फिर से बनाता है। लेकिन कुछ चीज़ें ठीक नहीं बैठतीं।

Deva Movie में ट्विस्ट जो दिमाग हिला दे

यहाँ से कहानी में कई ट्विस्ट आते हैं, जो मैं यहाँ स्पॉइल नहीं करूँगी (क्योंकि मज़ा किरकिरा नहीं करना!)। लेकिन इतना बता दूँ कि देव को पता चलता है कि वो एक गैंगस्टर-राजनेता प्रभात जाधव के लिए अंडरकवर काम कर रहा था और उसने एक कुख्यात गैंगस्टर की हत्या भी की थी। रोहन को इस बात का पता चलता है, और वो इस गुनाह को उजागर करने की योजना बनाता है, लेकिन देव को लगता है कि रोहन उसे बेनकाब करेगा। गुस्से और डर में, देव ही रोहन को मार देता है।

जी हाँ, ये वही ट्विस्ट है जो दर्शकों को हैरान कर देता है—देव खुद हत्यारा है। उसने एक रिमोट-कंट्रोल्ड राइफल का इस्तेमाल करके रोहन को मारा था। आखिर में, फरहान को पता चलता है कि देव ने हादसे से पहले उसे ये बात बता दी थी। देव खुद को पुलिस के हवाले कर देता है, और छह महीने बाद हम उसे जेल में देखते हैं, जहाँ वो फिर से अपने गुस्सैल अंदाज़ में नज़र आता है।

पूजा हेगड़े का किरदार

पूजा हेगड़े फिल्म में दिया साठे नाम की एक क्राइम जर्नलिस्ट का किरदार निभाती हैं। दर्शकों और क्रिटिक्स का कहना है कि उनका किरदार कहानी में बहुत ज़्यादा असर नहीं डालता। कई लोगों ने कहा कि अगर उनका किरदार हटा दिया जाए, तो भी कहानी पर कोई फर्क नहीं पड़ता। फिर भी, पूजा ने अपने रोल को जितना हो सका, उतना अच्छा निभाया।


Deva Movie में धमाकेदार डायलॉग

Deva Movie में कई धमाकेदार डायलॉग्स हैं, लेकिन सबसे बेहतरीन और फैंस के दिलों में बसे डायलॉग है:

“मैं अपने दुश्मन को नहीं छोड़ता, चाहे वो दुनिया के किसी भी कोने में हो!”

यह डायलॉग देव की बेरहम और जिद्दी पुलिसवाले वाली शख्सियत को दिखाता है, जो अपने दोस्त रोहन की हत्या का बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

“देवा का नाम सुनते ही गुंडे थर-थर कांपते हैं!”

यह क्लासिक हीरो-एंट्री डायलॉग है, जो देव की इंट्रोडक्शन सीन में इस्तेमाल हुआ। इसमें उसे मुंबई के अंडरवर्ल्ड में खौफ का पर्याय दिखाया गया है।

“दिल से दिल तक, या दिमाग से दिमाग तक, जो भी रास्ता हो, मैं सच तक पहुंच जाऊंगा।”

यह डायलॉग देव की अपने दोस्त और सहकर्मी, एसीपी रोहन डी’सिल्वा, और अपने “ब्रदरहुड” (फरहान और रोहन) के प्रति वफादारी को दिखाता है। शायद किसी इमोशनल या गुस्से भरे सीन में बोला गया।


‘Deva Movie’ की मेकिंग: एक रीमेक की चुनौतियाँ

‘Deva Movie’ को बनाना रौशन एंड्रयूज़ के लिए आसान नहीं था। एक मलयालम फिल्म को बॉलीवुड के दर्शकों के लिए ढालना अपने आप में एक बड़ा चैलेंज है। बॉलीवुड में ‘हीरो’ को बड़ा दिखाने की परंपरा रही है, और ‘Deva Movie’ में भी यही हुआ। लेकिन इस कोशिश में कई बार फिल्म मूल कहानी की गहराई को खो बैठी।

मलयालम ‘मुंबई पुलिस’ से तुलना

2013 की ‘मुंबई पुलिस’ को मलयालम सिनेमा में एक क्रांतिकारी फिल्म माना जाता है। उसमें पृथ्वीराज सुकुमारन ने मुख्य किरदार निभाया था। उस फिल्म का सबसे बड़ा ट्विस्ट ये था कि मुख्य किरदार समलैंगिक (homosexual) था, जो कहानी को बहुत गहराई देता था। लेकिन ‘देवा’ में इस हिस्से को पूरी तरह बदल दिया गया। क्रिटिक्स ने इस बदलाव की आलोचना की, क्योंकि इससे कहानी का वो इमोशनल और शॉकिंग वैल्यू खत्म हो गया, जो मूल फिल्म को इतना खास बनाता था।

फर्स्टपोस्ट की विनम्रा माथुर ने लिखा, “देवा एक भूलने योग्य रीमेक है। शाहिद की परफॉर्मेंस शानदार है, लेकिन मूल फिल्म के क्लाइमेक्स को बदलकर फिल्म की आत्मा ही छीन ली गई।” इंडिया टुडे की ज़िनिया बंद्योपाध्याय ने भी कहा कि “क्लाइमेक्स बदलने से फिल्म का सबसे बड़ा शॉक वैल्यू खत्म हो गया।”

शाहिद कपूर का ट्रांसफॉर्मेशन

शाहिद कपूर ने इस रोल के लिए खूब मेहनत की। उन्होंने अपनी फिजिकल ट्रेनिंग पर ध्यान दिया, ताकि वो एक रफ-टफ पुलिसवाले के किरदार को सही से निभा सकें। ट्रेलर लॉन्च के दौरान शाहिद ने कहा, “देवा एक गुस्सैल किरदार है, लेकिन ये ‘कबीर सिंह’ से बिल्कुल अलग है। मैं ऐसे रोल्स करना पसंद करता हूँ, जो जटिल हों और दर्शकों को कुछ सोचने पर मजबूर करें।”

शाहिद की परफॉर्मेंस को क्रिटिक्स और दर्शकों ने खूब सराहा। उनकी एनर्जी, बॉडी लैंग्वेज, और इमोशनल सीन्स ने फिल्म को बांधे रखा। कई लोगों ने कहा कि अगर शाहिद नहीं होते, तो शायद फिल्म इतना असर न छोड़ पाती।

Deva Movie में सिनेमैटोग्राफी और म्यूज़िक

‘Deva Movie’ की सिनेमैटोग्राफी को भी काफी तारीफ मिली। मुंबई की गलियों, भीड़-भाड़, और अंडरवर्ल्ड को जिस तरह कैमरे में कैद किया गया, उसने फिल्म को एक रियलिस्टिक फील दिया। एडिटिंग भी कसी हुई थी, जिसने कहानी को तेज़ और रोमांचक बनाए रखा।

म्यूज़िक की बात करें, तो विशाल मिश्रा ने गाने कंपोज़ किए, और जेक्स बिजॉय ने बैकग्राउंड स्कोर दिया। गाना “मरजी चा मालिक” रिलीज़ से पहले काफी पॉपुलर हुआ। गानों के बोल राज शेखर ने लिखे, जो कहानी के मूड के साथ अच्छे से मेल खाते थे। ज़ी म्यूज़िक कंपनी ने फिल्म के म्यूज़िक राइट्स खरीदे थे।


रिलीज़ और प्रमोशन: उतार-चढ़ाव की कहानी

‘Deva Movie’ की रिलीज़ डेट कई बार बदली। पहले इसे 11 अक्टूबर 2024 (दशहरा) को रिलीज़ करना था, फिर 14 फरवरी 2025 (वैलेंटाइन डे) के लिए शेड्यूल किया गया। आखिरकार, इसे दो हफ्ते पहले यानी 31 जनवरी 2025 को रिलीज़ किया गया।

प्रमोशनल कैंपेन

फिल्म का मोशन पोस्टर 1 जनवरी 2025 को नए साल के मौके पर रिलीज़ हुआ, जिसने दर्शकों में उत्साह जगाया। ऑफिशियल टीज़र 5 जनवरी को मुंबई के कार्टर रोड एम्फीथिएटर में एक इवेंट में लॉन्च किया गया। ट्रेलर 18 जनवरी को मुंबई में रिलीज़ हुआ।

प्रमोशन के लिए शाहिद और पूजा ने मुंबई और दिल्ली में कई इवेंट्स किए। मुंबई के मीठीबाई कॉलेज और आर.डी. नेशनल कॉलेज में प्रमोशनल इवेंट्स हुए। दिल्ली में शारदा यूनिवर्सिटी और कनॉट प्लेस में फैन मीट्स और मीडिया इंटरैक्शन्स हुए। लेकिन कुछ हेल्थ इश्यूज़ की वजह से प्रमोशन में देरी भी हुई, जिसने मेकर्स को थोड़ा परेशान किया।

Deva Movie बॉक्स ऑफिस और ओटीटी रिलीज़

‘Deva Movie’ को बॉक्स ऑफिस पर मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला। फिल्म ने पहले दिन 5-10 करोड़ रुपये की ओपनिंग की, जो उम्मीद से कम थी। पूरे रन में फिल्म ने भारत में 33.98 करोड़ रुपये और वर्ल्डवाइड 55.89 करोड़ रुपये कमाए। क्रिटिक्स ने इसे “औसत” बताया, और खराब क्लाइमेक्स की वजह से कई दर्शक निराश हुए।

28 मार्च 2025 को फिल्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होने लगी। ओटीटी रिलीज़ ने उन दर्शकों को मौका दिया, जो सिनेमाघरों में फिल्म नहीं देख पाए थे। लेकिन पाइरेसी ने फिल्म को नुकसान पहुँचाया। रिलीज़ के कुछ ही दिनों बाद ‘देवा’ तमिलरॉकर्स और फिल्मीज़िला जैसे पाइरेसी वेबसाइट्स पर लीक हो गई, जिससे मेकर्स को आर्थिक नुकसान हुआ।


क्रिटिक्स और दर्शकों की राय

‘Deva Movie’ को क्रिटिक्स से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली। रॉटेन टोमेटोज़ पर फिल्म को 46% रेटिंग मिली, जो औसत से कम है। शाहिद की एक्टिंग, सिनेमैटोग्राफी, और एक्शन सीक्वेंस की तारीफ हुई, लेकिन स्क्रीनप्ले और क्लाइमेक्स की आलोचना हुई।

क्रिटिक्स ने क्या कहा?

  • शुभ्रा गुप्ता (द इंडियन एक्सप्रेस): “मुंबई पुलिस की कहानी को हीरो-सेंट्रिक बनाना गलत फैसला था। शाहिद ने अच्छा काम किया, लेकिन फिल्म में वो गहराई नहीं रही।”
  • जस्टिन राव (हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया): “मुंबई पुलिस को क्लिच और बोरिंग हीरो-वॉरशिप में बदल दिया गया। ये एक अच्छी कहानी का दुखद डाउनग्रेड है।”
  • बॉलीवुड हंगामा: “फिल्म एक जटिल मर्डर मिस्ट्री है, और शाहिद की परफॉर्मेंस इसे देखने लायक बनाती है। लेकिन स्क्रीनप्ले में कुछ कमियाँ हैं।”

दर्शकों का रिएक्शन

दर्शकों ने शाहिद की एक्टिंग को खूब पसंद किया। सोशल मीडिया पर कई फैंस ने लिखा कि शाहिद ने देव के किरदार को जीवंत कर दिया। X पर एक यूज़र ने लिखा, “देवा में शाहिद कपूर की परफॉर्मेंस कबीर सिंह और हैदर की याद दिलाती है। ट्विस्ट्स ने दिमाग हिला दिया!” लेकिन कई दर्शकों को क्लाइमेक्स निराशाजनक लगा। कुछ ने कहा कि फिल्म बहुत लंबी (2 घंटे 36 मिनट) थी, और पूजा हेगड़े का किरदार बेकार था।


‘Deva Movie’ के विवाद और सबक

‘Deva Movie’ की सबसे बड़ी आलोचना इसके क्लाइमेक्स को लेकर थी। मूल फिल्म ‘मुंबई पुलिस’ में मुख्य किरदार की समलैंगिकता कहानी का अहम हिस्सा थी। लेकिन ‘देवा’ में इसे हटा दिया गया, जिसे कई क्रिटिक्स ने “संवेदनशीलता की कमी” बताया। ये बदलाव बॉलीवुड की उस पुरानी आदत को दर्शाता है, जहाँ कहानी को “मास अपील” के लिए बदल दिया जाता है।

इसके अलावा, फिल्म को सेंसर बोर्ड ने UA सर्टिफिकेट दिया, लेकिन एक लिप-लॉक सीन, गाली-गलौज, और कुछ इशारों को हटाने के लिए कहा गया। विदेशी वर्जन में ये सीन बरकरार रखे गए। इससे ये सवाल उठा कि क्या भारतीय दर्शकों को कम परिपक्व माना जाता है?

बॉलीवुड और रीमेक की समस्या

‘देवा’ ने एक बार फिर बॉलीवुड की रीमेक बनाने की आदत पर बहस छेड़ दी। कई दर्शकों ने कहा कि बॉलीवुड अच्छी कहानियों को “हीरो-सेंट्रिक” बनाकर बर्बाद कर देता है। एक X यूज़र ने लिखा, “मुंबई पुलिस जैसी शानदार फिल्म को बॉलीवुड ने औसत बना दिया। हीरो कल्चर और स्टाइल के चक्कर में कहानी गायब हो गई।”

हालाँकि, कुछ लोगों ने तारीफ भी की। एक दर्शक ने लिखा, “देवा उन लोगों के लिए शानदार है, जिन्होंने मूल फिल्म नहीं देखी। शाहिद ने इसे अगले लेवल पर पहुँचा दिया।”


‘Deva Movie’ का प्रभाव और भविष्य

‘Deva Movie’ भले ही बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल न दिखा पाई, लेकिन इसने शाहिद कपूर की वर्सटैलिटी को फिर से साबित किया। उनकी फैन फॉलोइंग ने फिल्म को ओटीटी पर भी खूब देखा। साथ ही, इस फिल्म ने रौशन एंड्रयूज़ को हिंदी सिनेमा में एक नई पहचान दी।

क्या ‘Deva Movie’ देखने लायक है?

अगर आप शाहिद कपूर के फैन हैं या एक्शन थ्रिलर पसंद करते हैं, तो ‘Deva Movie’ आपके लिए मज़ेदार हो सकती है। लेकिन अगर आपने ‘मुंबई पुलिस’ देखी है, तो शायद आप थोड़ा निराश हो सकते हैं। मेरी सलाह? बिना किसी उम्मीद के फिल्म देखें, और शाहिद की एक्टिंग का मज़ा लें।

नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध होने की वजह से आप इसे कभी भी देख सकते हैं। बस, पाइरेसी से बचें और फिल्म को लीगल तरीके से देखें, ताकि मेकर्स का हौसला बढ़े।


निष्कर्ष: एक अधूरी कोशिश, फिर भी देखने लायक

‘Deva’ एक ऐसी फिल्म है, जो बहुत कुछ हो सकती थी, लेकिन बॉलीवुड की कुछ पुरानी कमियों की वजह से औसत रह गई। शाहिद कपूर की दमदार परफॉर्मेंस, शानदार एक्शन, और मुंबई की जीवंत पृष्ठभूमि इसे देखने लायक बनाती है। लेकिन क्लाइमेक्स का बदलाव और स्क्रीनप्ले की कमियाँ इसे ‘मुंबई पुलिस’ जितना यादगार नहीं बना पाईं।

तो, क्या आप ‘Deva Movie’ देखने जा रहे हैं? या आपने देख लिया है? मुझे कमेंट्स में बताइए कि आपको ये फिल्म कैसी लगी! और अगर आपने ‘मुंबई पुलिस’ देखी है, तो दोनों की तुलना में आपका क्या कहना है? चलिए, अब मैं चाय की दूसरी कप लेने जा रही हूँ, और आप इस थ्रिलर को देखने का प्लान बनाइए।

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